झारखंड में नई नियामावली से पहले इंटर कॉलेज खोलने के लिए शहरी क्षेत्र में एक एकड़ और ग्रामीण क्षेत्र में दो एकड़ जमीन की आवश्यकता होती थी. नियमावली के अनुरूप कॉलेज खोलने के लिए संस्था के नाम से जमीन की रजिस्ट्री होना अनिवार्य है, पर एसपीटी एक्ट के कारण संताल परगना प्रमंडल में जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती है. इसके अलावा लीज क्षेत्र में भी कॉलेज के लिए जमीन प्रावधान के अनुरूप नहीं मिलती है. झारखंड में अब इंटर कॉलेज खोलने के लिए शहरी क्षेत्र में 50 डिसमिल और ग्रामीण क्षेत्र में एक एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. इसके लिए प्रस्ताव बनाया गया है. इंटर कॉलेज खोलने के लिए राज्य में जमीन की शर्त में बदलाव किया जायेगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा इंटर कॉलेज प्रस्वीकृति (मान्यता) नियमावली 2005 में बदलाव किया जा रहा है. विभाग ने तैयार प्रस्ताव शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के पास भेजा है. नयी नियमावली में अब संताल परगना प्रमंडल व लीजवाले क्षेत्रों में कॉलेज के लिए जमीन को लेकर सरकार भूमि की शर्त में छूट देगी. एकीकृत बिहार के समय में भी यह प्रावधान था. संताल परगना प्रमंडल में जमीन के कारण वर्ष 2010 से कॉलेजों को मान्यता नहीं मिल रही है. राज्य में इंटर कॉलेज की मान्यता के लिए पिछली नियमावली वर्ष 2005 में बनी थी, इसमें वर्ष 2006 में संशोधन किया गया था. कॉलेज के लिए अब कमरों की शर्त में भी संशोधन किया गया है. एक व दो संकाय के लिए पूर्व की भांति चार व छह कमरों की आवश्यकता होगी, पर तीनों संकाय के लिए अब आठ की जगह दस कमरों की आवश्यकता होगी. पुस्तकालय, प्रयोगशाला समेत अन्य शर्त में बदलाव नहीं किया गया है.