IAS Pooja Singhal: पूजा सिंघल की बढ़ी मुश्किलें, ED ने केस चलाने की मांग को लेकर राज्य सरकार को लिखा पत्र

झारखंड की चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ केस चलाने की मांग की है। बता दें कि पूजा सिंघल खूंटी में मनरेगा घोटाले को लेकर चर्चा में हैं। वह इस मामले में जेल में भी रहीं। जमानत मिलने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें फिर से बहाल कर दिया था।

रांची। मनरेगा घोटाला मामले की आरोपित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) के विरुद्ध ईडी ने राज्य सरकार से अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है। इसके लिए ईडी ने राज्य सरकार से पत्राचार किया है।

ईडी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा -218 का हवाला देते हुए यह अनुमति मांगी है। इसमें किसी भी लोकसेवक के विरुद्ध अभियोजन चलाने के लिए ईडी को राज्य सरकार से अनुमति अनिवार्य है। वर्तमान में पूजा सिंघल निलंबन मुक्त होकर पदस्थापन का इंतजार कर रही हैं।

पूजा सिंघल की याचिका

इधर, पूजा सिंघल ने इसी मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने न्यायालय को बताया था कि उनके विरुद्ध ईडी को राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है, इसलिए उनके विरुद्ध दर्ज मामले को निरस्त किया जाए।

उनकी ओर से अदालत को बताया गया कि किसी भी सरकारी अधिकारी के विरुद्ध आपराधिक केस चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति अनिवार्य है, लेकिन ईडी ने ऐसा नहीं किया। पूजा सिंघल की याचिका पर तीन जनवरी को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद अदालत ने ईडी से जवाब मांगा था, जिसमें जल्द ही सुनवाई होनी है।

पूजा सिंघल पर आरोप है कि फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच खूंटी की डीसी रहते हुए उन्होंने बिना काम हुए मनरेगा मामले में 18 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था। निगरानी ने 2011 में इस मामले में पहली प्राथमिकी दो अभियंताओं पर दर्ज की थी। इसी मामले में ईडी ने अनुसंधान के दौरान पूजा सिंघल की भूमिका को उजागर किया था।

11 मई 2022 को गिरफ्तार हुईं थीं पूजा सिंघल, 28 महीने रहीं जेल में

मनरेगा घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान के दौरान ईडी ने तत्कालीन खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। राज्य सरकार ने अगले ही दिन उन्हें निलंबित कर दिया था। इससे पहले छह मई 2022 को पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के पास से ईडी ने 19.76 करोड़ रुपये नकदी की बरामदगी की थी।

करीब 28 महीने की जेल के बाद वह सात दिसंबर 2024 को जमानत पर बाहर निकलीं थीं। ईडी ने इस केस में पूजा सिंघल से जुड़ी 82.77 करोड़ रुपये मूल्य की चार अचल संपत्तियां जब्त की थी। इनमें रांची के बरियातू रोड स्थित पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर व दो भूखंड शामिल थे।

ईडी ने इस मामले में पूजा सिंघल के अलावा उनके पति अभिषेक झा, चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के विरुद्ध चार्जशीट कर चुकी है।

ईडी ने चार्जशीट में न्यायालय को बताया है कि चतरा, खूंटी व पलामू में डीसी के रूप में कार्यरत रहने के दौरान पूजा सिंघल के खाते में उनके वेतन से 1.43 करोड़ रुपये अधिक थे।

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