मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ अभियान के क्रियान्वयन से संबंधित बैठक में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिया।


★ आमजनों के भावनाओं को समझते हुए उन्हें योजनाओं से जोड़ें

★ सर्वजन पेंशन योजना में 10 लाख नए लोगों को जोड़ने का लक्ष्य

★ छात्रवृत्ति राशि में 3 गुना तक वृद्धि, राज्य के 35 लाख बच्चों को मिलेगा लाभ
— हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड मंत्रालय स्थित सभाकक्ष से आज ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ अभियान के दूसरे चरण के सफल क्रियान्वयन के संबंध में सभी प्रमंडलीय आयुक्त एवं सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पदाधिकारी जब भी शिविर में जाएं वहां आम जनता के साथ ‘जोहार’ शब्द का प्रयोग करें। अलग-अलग गांव तथा पंचायतों में आम जनता के साथ जब मिले तो उनके ही भाषा-संस्कृति को प्राथमिकता में रखते हुए उनसे जुड़ें। पदाधिकारी आम जनता की भावनाओं को समझते हुए उन्हें योजना से जोड़ने का काम करें। जनता का साथ और सहयोग से ही राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का शत प्रतिशत सफल संचालन किया जा सकेगा। ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ अभियान का पहला चरण बहुत ही सकारात्मक और सफल रहा है। मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों पर विश्वास जताया कि ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ अभियान का पहला चरण से भी बेहतर दूसरा चरण का प्रदर्शन रहेगा।
छात्रवृत्ति राशि में 3 गुना तक वृद्धि, राज्य के 35 लाख बच्चों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ कक्षा आठवीं में अध्ययनरत बच्चियां से प्रारंभ होगी। जब तक ये बच्चियां 18 से 19 होंगी तब तक इनको स्वास्थ्य एवं शिक्षा हेतु कुल 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मिलेगी। यह राशि उन्हें मिलने वाली छात्रवृत्ति के अतिरिक्त उन्हें दी जाएगी। इस योजना का लाभ राज्य के 9 लाख किशोरियों को मिलेगा। पात्र लाभुकों को शिविरों में अनिवार्य रूप से जोड़ने का प्रयास होनी चाहिए ताकि लक्ष्य को पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रवृत्ति योजना के तहत बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में 3 गुना तक की वृद्धि की गई है। राज्य के स्कूलों में अध्ययनरत 35 लाख गरीब बच्चों को छात्रवृत्ति योजना से जोड़कर उन्हें लाभान्वित करने का अलग रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वजन पेंशन योजना राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। करीब 10 लाख नए लोगों को पिछले एक साल में इस योजना से जोड़ा गया है। अभी भी कई लोग छूटे हैं जिन्हें इस एक महीने के अभियान के दौरान जोड़ना है। आप यह लक्ष्य निर्धारित करें कि इस एक माह के अभियान में कम से कम 5 लाख नए पात्र लोगों को जोड़ा जा सके। सर्वजन पेंशन योजना के तहत जितने भी आवेदन प्राप्त हुए हैं उन आवेदनों का निस्तारण तीव्र गति से कर लक्ष्य को पूरा करें।
प्रत्येक गांव में 5-5 योजना अविलंब स्वीकृत करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के अंतर्गत 14 लाख नए किसानो को जोड़ा गया है। अभी भी करीब आठ लाख आवेदन बैंकों में लंबित हैं जिन्हें इस अभियान के दौरान निष्पादित किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए प्रत्येक गांव में 5-5 योजना अविलंब स्वीकृत करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत मिलने वाले मजदूरी का भुगतान ससमय हो यह सुनिश्चित करें। ध्यान रखें कि मजदूर वर्ग को वेजेज में देर नहीं हो अन्यथा मनरेगा के प्रति लोगों का रुझान घटेगा। मजदूर वर्ग को और रोज कमाना और खाना पड़ता है। मजदूर रोज अनाज खरीदते हैं तभी उनके घर चूल्हे जलते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पदाधिकारी जिस दिन गांव या पंचायत में शिविर लगाते हैं उसी दिन गांव में पांच योजनाओं का शिलान्यास अवश्य करें ताकि रोजगार का सृजन शीघ्र प्रारंभ हो सके। मनरेगा के मेजर कॉम्पोनेंट पर कार्य करना सुनिश्चित करें। राज्य में 1 लाख कुआं 50 हजार पशु शेड तथा तालाब की खुदाई का काम किया जाना है। इन योजनाओं को मूर्त रूप दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ अभियान के दूसरे चरण में 7 से 8 लाख लाभुकों को हरा राशन कार्ड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। राशन कार्ड से संबंधित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की शुरुआत हुई है। इस योजना को सरल प्रक्रिया के साथ प्रारंभ किया गया। पदाधिकारी जब भी क्षेत्र भ्रमण में जाएं रोजगार सृजन को लेकर प्रक्रिया में और क्या सुधार हो सकता है इसका सुझाव हमें दें। अधिक से अधिक रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता है।
हड़िया-दारू बेचने के काम से जुड़ी महिलाओं को उन्हें फूलो झानो आशीर्वाद योजना से जोड़ें
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसी माताएं-बहने जो हड़िया-दारू बेचने के काम से जुड़ी हैं उन्हें फूलो झानो आशीर्वाद योजना से जोड़कर स्वाबलंबी बनाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़कर ऐसी माताओं-बहनों को चिन्हित कर योजना से जोड़ने का कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों
के लिए मुख्यमंत्री पशुधन योजना प्रभावकारी योजना है। लाभुकों को पशुधन योजना के प्रति जागरूक करें। पशुपालन झारखंड का परंपरागत व्यवसाय रहा है। यह कार्य सहज ता के साथ किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पदाधिकारी ग्रामीणों के विश्वास को हकीकत में बदलने का काम करें। आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार अभियान के पहले चरण के अनुभव का लाभ लें।
क्षेत्र भ्रमण कर अभियान का निरंतर अनुश्रवण करें वरीय पदाधिकारी
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार अभियान के तहत आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों का सघन पर्यवेक्षण तथा उपायुक्तों को सतत मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए जो वरीय पदाधिकारी नामित हैं वे क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं का निरंतर अनुश्रवण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान सिर्फ एक महीने तक ही नहीं बल्कि आगे भी निरंतर चलती रहेगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त श्री अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार, प्रधान सचिव श्री अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे, सचिव श्रीमती हिमानी पांडे, सचिव श्रीमती आराधना पटनायक, सचिव श्री के.के. सोन, सचिव श्री सुनील कुमार, सचिव श्री राहुल कुमार पुरवार, सचिव श्री अमिताभ कौशल, सचिव श्री राहुल शर्मा, सचिव श्री के. रवि कुमार, सचिव श्री राजेश कुमार शर्मा, सचिव श्री अब्बुबकर सिद्धकी.पी, सचिव श्री प्रवीण टोप्पो, सचिव श्री प्रशांत कुमार, सचिव श्री के.श्रीनिवासन, सचिव श्री कृपानंद झा, सचिव श्री मनोज कुमार एवं सचिव श्रीमती विप्रा भाल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रमंडलीय आयुक्त एवं सभी जिलों के उपायुक्त उपस्थित थे।

झारखंड कृषि – योगदान और उत्पादन, उत्पादन (मिलियन टन में)
जीडीपी से जुड़ें- 14.5%
भोजन-7.2
दाल-0.8
मछली-0.3
दूध-2.9
सब्जी-3.5
फल-0.9
अद्वितीय कृषि उत्पाद- ODOP
जीराफूल चावल- गैर बासमती सुगंधित चावल लगभग ।
500 मीट्रिक टन उत्पादन
अत्यधिक पौष्टिक
क्षेत्र: गुमला और लातेहार
कच्चा कटहल – सब्जी के उद्देश्य के लिए सर्वश्रेष्ठ लगभग।
2000 मीट्रिक टन उत्पादन
क्षेत्र- खूंटी और सिमडेगा
को निर्यात करें- यूरोप
देवघर दूध पेड़ा- विश्व प्रसिद्ध डेयरी मिठाई लगभग।
500 मीट्रिक टन उत्पादन
धार्मिक महत्व
बहरीन को मेधा पेड़ा निर्यात
क्षेत्र- देवघर
आम्रपाली आम- टेबल किस्म ,मल्लिका और दशहरी का क्रॉस लगभग।
8 लाख मीट्रिक टन उत्पादन
निर्यात गुणवत्ता
क्षेत्र- समस्त झारखंड
लोबिया बीन्स- प्रोटीन पोषण के लिए सर्वश्रेष्ठ भोजन लगभग
300 मीट्रिक टन उत्पादन
क्षेत्र- गोड्डा
लौह तत्व कबूतर मटर- > 16 मिलीग्राम लौह सामग्री
अनोखा स्वाद
लगभग 10 के उत्पादन
क्षेत्र- गढ़वा, साहिबगंज, दुमका
अन्य कृषि-निर्यात क्षमता का उत्पाद
अद्वितीय उपज के अलावा, निर्यात क्षमता वाले निम्नलिखित कृषि उत्पाद और अप्रत्यक्ष रूप से मध्य पूर्व और झारखंड से अन्य देशों में निर्यात किए जा रहे हैं:
भिंडी – मौसमी के लिए अद्वितीय
कच्छू (अरबी)- अद्वितीय रखने की गुणवत्ता
करेला- अद्वितीय छोटे आकार और गुणवत्ता रखते हुए
रगडा (मशरूम)- जंगली मशरूम और अद्वितीय स्वाद और पोषण
फूल काटें- जरबेरा, ग्लैडियोलस और मैरीगोल्ड

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