Mahakumbh : संगम पर भगदड़ में मरने वालों में झारखंड की महिला भी शामिल

Ranchi: प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई. हादसे में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है. 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक – मेडिकल कॉलेज में पहले 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए. बाद में एंबुलेंस से कुछ और शवों को मेला क्षेत्र से लाया गया. भगदड़ में मरने वालों में झारखंड की एक महिला भी शामिल है.

भगदड़ में जान गंवाने वाली महिला पलामू जिले के रेहला थाना क्षेत्र के तोलरा गांव की रहने वाली है. जिसकी पहचान गायत्री देवी (60) अमरेश पांडेय की पत्नी के रूप में हुई है. भगदड़ में मृतक महिला की एक बहन लापता हो गई थी. गायत्री देवी का एक बेटा सीआरपीएफ में है. वह प्रयागराज क्षेत्र में ही ड्यूटी पर तैनात है. महिला के शव को पलामू लाया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, अमरेश पांडेय अपनी पत्नी गायत्री देवी और अपने रिश्तेदारों के साथ सोमवार को महाकुंभ में स्नान करने के लिए प्रयागराज गये थे. सभी लोग मंगलवार को दोपहर में कुंभ मेला क्षेत्र पहुंच गये थे. मौनी अमावस्या पर प्रातः स्नान के लिए मंगलवार की रात को त्रिवेणी संगम तट के किनारे बालू पर ही सो गये थे. इसी बीच, मंगलवार की देर रात अचानक भगदड़ मच गयी. भगदड़ में गायत्री देवी भीड़ के नीचे दब गयीं और उनकी मौत हो गयी.

भगदड़ की 2 प्रमुख वजहें आई है सामने

अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पीपा पुल बंद थे. इसके कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई. जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए. यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई. इसके अलावा संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे. लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे. ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला. वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए.

हादसे के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं. इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया. हादसे के बाद संगम तट पर एनएसजी कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया. संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई. भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है. वहां प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है.

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