
Important Ghats of Prayagraj: प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. 26 फरवरी तक चलने वाले इस मेले में दुनिया के कई देशों से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. ये सभी श्रद्धालु प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं. ऐसे में हर घाट पर भारी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं. तो आज हम आपको जानकारी दे रहे हैं प्रयागराज के घाटों के बारे में. इस जानकारी के जरिए आप तय कर सकते हैं कि आपको किस घाट पर डुबकी लगानी है.
रसूलाबाद घाट शहर के उत्तरी क्षेत्र में स्थित रसूलाबाद मुहल्ले के किनारे है. यह घाट गंगा तट पर है. भारतीय इतिहास में इस घाट का बहुत ही महत्व है. क्योंकि, अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का इसी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया था. यहां पर पक्का घाट बना दिया गया है लोग पूरे साल यहां पहुंचते हैं और स्नान-दान करते हैं.
प्रयागराज में भी दशाश्वमेध घाट है. यह घाट दारागंज मुहल्ले के सामने है. यह घाट गंगा नदी पर बना हुआ है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक यह घाट बहुत ही महत्वपूर्ण है. मान्यताओं के मुताबिक ब्रम्हा जी ने इस क्षेत्र में दसत बार अश्वमेध यज्ञ किए थे. जिसके बाद उन्होंने दशाश्वमेश्वर शिव की स्थापना भी की थी. सावन माह में इस घाट पर चहल-पहल बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है. शिव जी के भक्त यहां से जल लेकर उनका अभिषेक करते हैं.
भगवान राम के नाम पर यहां एक घाट का नाम रखा गया है. इस घाट का नाम है रामघाट. यह घाट संगम क्षेत्र में गंगा नदी पर है. इस घाट की भी पौराणिक मान्यता है. यहां पर हर दिन हर मौसम में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.
जिस जगह पर गंगा-यमुना और सरस्वती का संगम होता है उस घाट को संगम या त्रिवेणी घाट कहा जाता है. तीन नदियों का मिलन होने के कारण कुछ लोग इसे त्रिवेणी घाट के नाम से भी जानते हैं. हालांकि, इस घाट पर सिर्फ गंगा-यमुना का ही संगम होता नजर आता है. मान्यता है कि सरस्वती नदी अदृश्य होकर यहां मिलती है.