झारखंड गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने महालेखाकार को जानकारी भेजी है, बताया गया है कि जल्द ही राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के लंबित अपग्रेडेशन कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। दिवाली के बाद झारखंड के सभी जिलों में फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी वैन तैनात करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। करीब ढाई करेाड़ की लागत से 25 फोरेंसिक लैब वैन की खरीदारी की जा रही है। ये वैन साढ़े चार करोड़ के उपकरण से लैस होंगे। फोरेंसिक लैब वैन और राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अपग्रेडेशन पर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 24.29 करोड़ स्वीकृत कर दिया है। राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अपग्रेडेशन के बाद घटनास्थल से फोरेंसिक नमूने एकत्रित करने से लेकर प्रारंभिक व कुछ सामान्य जांच तक के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह तब संभव होने जा रहा है, जब हाई कोर्ट ने गत वर्ष धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या मामले में सुनवाई के दौरान राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के विरुद्ध कड़ी टिप्पणी की थी। गृह विभाग ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि प्रत्येक जिले में एक जिला फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (डीएफएसएल) व एक फोरेंसिक लैब वैन तैनात होगा। एसएफएसएल ने जो प्रस्ताव दिया है, उसके अनुसार सभी 24 जिलों में एक-एक जिला फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (डीएफएसएल) बनेंगे। जो 25 फोरेंसिक लैब वैन होंगी वे बोलेरो की बीएस-6 गाड़ियों में बनेंगी। इन गाड़ियों में बैलिस्टिक किट, ब्लड सैंपल किट, फोटोग्राफी किट सहित अन्य जरूरी के सामान रहेंगे, जिसकी घटनास्थल पर जरूरत होती है। इसके लिए बोलेरो की पीछे की दो सीट निकालकर उसे विकसित किया जाएगा। ये वैन घटनास्थल से नमूने एकत्रित कर अपने जिला फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (डीएफएसएल) में जाएंगी। यहां जांच संबंधित प्रक्रिया शुरू होगी और जरूरत पड़ने पर डीएफएसएल उस नमूने को राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजेगा।