वर्तमान में स्वास्थ्य प्रशिक्षक स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य निदेशालय के अलावा जिलों में सिविल सर्जन कार्यालयों में सहायक या लिपिक का कार्य कर रहे हैं। कुछ स्वास्थ्य प्रशिक्षक तो मुख्यालय में ही जमे रहने के प्रयास में अपना मूल काम नहीं कर निम्न वर्गीय लिपिक का काम कर रहे हैं। अब इन्हें निर्धारित कार्य करने होंगे, इसके तहत माह में 15 दिनों क्षेत्र भ्रमण करना होगा। नियमावली बनने से स्वास्थ्य प्रशिक्षक के नए पदों पर नियुक्ति के साथ-साथ पूर्व से कार्यरत स्वास्थ्य प्रशिक्षकों की प्रोन्नति का भी रास्ता साफ हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अधीन कार्यरत स्वास्थ्य प्रशिक्षक अब न तो वे स्वास्थ्य विभाग और न ही सिविल सर्जन कार्यालयों में सहायक या लिपिक का काम करेंगे। उन्हें अब फील्ड में जाना होगा, जहां वे स्वास्थ्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार से लेकर लोगों को स्वास्थ्य को लेकर जागरुक करेंगे। स्वास्थ्य से जुड़े आंकड़ों का संग्रह कर उनका विश्लेषण करने का भी इनका काम होगा। स्वास्थ्य गतिविधियों का संचालन व भ्रमण कार्यक्रम, एक माह में 15 दिनों का क्षेत्र भ्रमण तथा कम से कम एक रात का विश्राम क्षेत्र में, किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य शिक्षा के लिए सत्र बुलाना, प्रचार-प्रसार की मासिक रिपोर्ट तैयार करना, स्वास्थ्य के लिए उचित व्यवहार को लेकर लोगों में जागरूकता लाने का काम करना।