रविश कुमार ने TWEET किया सूरज धीरे-धीरे ढलता है ढल जाएगा। अस्ताचल सूर्य को नमस्कार के बाद दौरा उठान। आप सभी को छठ की शुभकामनाएँ। घाट पर जाने से पता चला कि गाँव में मेरी रिश्तेदारियाँ बदल गई हैं। पहले लोग बाबू बुलाते थे, फिर भैया बुलाने लगे और अब बच्चे दादा जी और नाना जी बुलाने लगे हैं।