गुजरात ब्रिज हादसा : गुजरात ब्रिज हादसा में बड़ी कार्रवाई की गई है. ओरेवा ग्रुप के दो अधिकारी गिरफ्तार किया गया है. सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरे ब्रिज की मरम्मत का काम ओरेवा ग्रुप की ओर से की गई थी। गुजरात के मोरबी में रविवार को पुल गिरने से 140 लोगों की मौत के बाद पुल का जीर्णोद्धार करने वाली कंपनी ओरेवा के दो अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि वे ओरेवा के मध्य स्तर के कर्मचारी हैं। जानकारी यह भी है कि कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी पुल त्रासदी के बाद से लापता हैं।
कंपनी ओरेवा को कई खामियों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है, जिसमें फिटनेस प्रमाणपत्र लेने में कथित विफलता और समय से पहले पुल को फिर से खोलना शामिल है। बता दें कि गुजरात के मोरबी में रविवार शाम ब्रिटिशकालीन सस्पेंशन ब्रिज पर लगभग 500 लोग पहुंचे हुए थे। अचानक ब्रिज टूटता है और लोग नदी में गिरने लगते है। हादसे में कम से कम 141 लोगों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार यह ब्रिज लोगों के भारी दबाब के कारण टूटा है। इस बात की जानकारी फॉरेंसिक सूत्रों ने दी है।
जानकारी के अनुसार मच्छु नदी पर बने इस पुल पर 100-150 लोगों के आने की क्षमता थी। हादसे के दिन यानी रविवार को इस पुल पर क्षमता से 5 गुना ज्यादा लोग सवार थे। 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर 400-500 लोग आ गए थे. यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मोरबी में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.