लड्डू बूंदी से बनाये गए इस शिवलिंग को देखने के लिए लोग दूर-दूर से तेनाली शहर के चेंचुपेट व्यापार केंद्र पहुंच रहे हैं।

तेनाली: महाशिवरात्रि 2025 के मौके पर देशभर में धार्मिक उत्सवों और तैयारियों का जोर है। विशेष रूप से शिव मंदिरों को सजाया जा रहा है और भक्त भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। इस बार आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के पेरेचेरला में एक अनोखा और अद्वितीय शिवलिंग बना है, जो चर्चा का केंद्र बन गया है।
बूंदी से बना विशाल शिवलिंग
कैलासगिरि क्षेत्र उत्सव समिति के शिव भक्तों ने 1,008 किलोग्राम लड्डू बूंदी से एक विशाल शिवलिंग तैयार किया है। इस विशालकाय शिवलिंग की ऊंचाई 6 फीट और चौड़ाई 5 फीट है। यह अनोखा शिवलिंग न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र भी बन गया है। लोग दूर-दूर से इस शिवलिंग को देखने के लिए तेनाली शहर के चेंचुपेट व्यापार केंद्र पहुंच रहे हैं, जहां यह रखा गया है।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शंकर के प्रति श्रद्धा और आस्था का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन विशेष रूप से रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। भक्त इस दिन जलाभिषेक, व्रत, और पूजा अर्चना करके भगवान भोलेनाथ से आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
आंध्र प्रदेश में इस अद्वितीय शिवलिंग के निर्माण से महाशिवरात्रि की भव्यता और महत्व को एक नया आयाम मिला है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस तरह के अनोखे प्रयास भगवान शंकर के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा और विश्वास को प्रकट करते हैं।
श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक
यह शिवलिंग केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि श्रद्धा और भक्ति की प्रेरणा का स्रोत भी है। इस अनोखी श्रद्धांजलि ने सभी को यह एहसास दिलाया है कि भगवान शंकर के प्रति श्रद्धा किसी रूप में भी हो सकती है- चाहे वह लड्डू से बना शिवलिंग हो या अन्य किसी रूप में। महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर इस तरह के अनूठे आयोजनों ने इस दिन की विशेषता को और भी बढ़ा दिया है। आस्था और विश्वास के इस संगम में, भक्त इस दिन के महत्व को महसूस करते हुए भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।