तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि ‘मेरा भारतीय रेजीडेंस परमिट जुलाई में एक्सपायर हो गया है, लेकिन गृह मंत्रालय उसे रिन्यू नहीं कर रहा है।’ तसलीमा नसरीन ने लिखा कि ‘भारत मेरा दूसरा घर है और 22 जुलाई के बाद से परमिट रिन्यू न होने से मैं परेशान हूं।’
भारतीय गृह मंत्रालय ने बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन का निवास परमिट बढ़ाने का फैसला किया है। इसके बाद तसलीमा नसरीन भारत में रह सकेंगी। तसलीमा नसरीन ने इस फैसले के लिए गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि तसलीमा नसरीन का भारत में निवास का परमिट एक्सपायर हो गया था। जिसके बाद तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर गृह मंत्री से मदद मांगी थी।
भारत को बताया दूसरा घर
तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि ‘मेरा भारतीय रेजीडेंस परमिट जुलाई में एक्सपायर हो गया है, लेकिन गृह मंत्रालय उसे रिन्यू नहीं कर रहा है।’ तसलीमा नसरीन ने लिखा कि ‘भारत मेरा दूसरा घर है और 22 जुलाई के बाद से परमिट रिन्यू न होने से मैं परेशान हूं। अगर सरकार मुझे भारत में रहने देगी तो मैं शुक्रगुजार रहूंगी।’ अब जैसे ही गृह मंत्रालय ने बांग्लादेशी लेखिका का निवास परमिट बढ़ाया तो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया।
फतवा जारी होने के बाद छोड़ दिया था बांग्लादेश
तसलीमा नसरीन साल 2011 से भारत में रह रही हैं। तसलीमा नसरीन के पास स्वीडन की भी नागरिकता है। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि वे नियमित रूप से अपने आवेदन का स्टेटस ऑनलाइन चेक करती हैं, लेकिन यह अब भी ‘अपडेटिंग’ दिखा रहा है, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ है। तसलीमा नसरीन की किताब लज्जा और उनकी आत्मकथा अमर मेयेबेला को लेकर बांग्लादेश में विवाद हुआ था, जिसके चलते उनके खिलाफ कट्टरपंथियों ने फतवा जारी कर दिया था। फतवा जारी होने के बाद तसलीमा नसरीन ने बांग्लादेश छोड़ दिया और भारत आ गईं। इसके बाद तसलीमा कई वर्षों तक यूरोप में भी रहीं और इस दौरान उन्होंने स्वीडन की नागरिकता ले ली। हालांकि उनका अधिकतर समय भारत में ही बीतता है और वह भारत को एक महान देश और अपना दूसरा घर बताती हैं।
क्या होता है रेजीडेंस परमिट
भारत में 180 से ज्यादा दिनों तक रहने के लिए विदेशी नागरिकों को रेजीडेंस परमिट लेना अनिवार्य है। इस परमिट की लिमिट खत्म होने के बाद इसे फिर से रिन्यू कराना होता है।