बंग समुदाय में शारदीय दुर्गा पूजा कल से, देवी का आगमन डोली पर


रांची : बंग समुदाय में शारदीय दुर्गा पूजा षष्ठी तिथि से मंगलवार को बेलवरण के साथ शुरू होगी। बांग्ला पंचांग के अनुसार इस बार देवी का आगमन डोली पर हो रहा है, जिसका फल ज्योतिषी मड़क बता रहे हैं, वहीं देवी का गमन घटक पर हो रहा है जिसका फल- छात्रभंग बताया जा रहा है। श्रीश्री हरिसभा एवं दुर्गा पूजा समिति दुर्गा बाड़ी में इस वर्ष 142वां दुर्गोत्सव आयोजित होने जा रहा है। दुर्गोत्सव के शास्त्रीय व्यवस्थापक (पुरोहित) शांतनु भट्टाचार्य हैं। रांची में बंग समुदाय के सभी पूजा पंडालों में दुर्गाबाड़ी मंदिर की समय सारणी का ही पालन किया जाता है। बंग समुदाय मां दुर्गा की आराधना बेटी के रूप में करता है। मान्यता है महालया के दिन मां दुर्गा अपने बच्चों के साथ कैलाश पर्वत से अपने मायके पृथ्वी लोक के लिए निकलती हैं और षष्ठी तिथि को पहुंचती हैं। वहीं, विजयादशमी को मां पुन: अपने मायके से कैलाश पर्वत लौट जाती हैं।

दुर्गाबाड़ी सहित बंग समुदाय के पूजा पंडालों में मंगलवार की शाम देवी का बोधन किया जाएगा। वहीं, बुधवार को सुबह 7.32 बजे से पहले देवी का कल्पारंभ, आमंत्रण और अधिवास आदि अनुष्ठान संपन्न किए जाएंगे। महासप्तमी पर गुरुवार को नवपत्रिका प्रवेश सुबह 6.40 के पहले किया जाएगा। इसके बाद सुबह 7.10 बजे से पूजा चंडी पाठ के साथ शुरू हो जाएगी। सुबह 10 बजे से श्रद्धालु पुष्पांजलि अर्पित कर सकेंगे। महाअष्टमी की पूजा शुक्रवार को सुबह 5.41 बजे से शुरू होगी, इसके बाद इसी दिन सुबह 7.12 बजे से महानवमी की पूजा होगी। इस दिन पुष्पांजलि सुबह 9.30 बजे से दी जा सकेगी। शनिवार को महानवमी अधिक पूजा सुबह 5.48 बजे से होगी। संधि पूजा शुक्रवार को सुबह 6.24 बजे के पहले संपन्न की जाएगी। संधि बलि- सुबह 6.48 बजे दी जाएगी। विजयादशमी शनिवार को है। इसकी पूजा सुबह 9 बजे शुरू होगी। मां दुर्गा की प्रतिमा को पुष्पांजलि और मंत्रागिक विसर्जन सुबह 11.35 बजे के पहले किया जाएगा। वहीं, देवी वेदी से अवतरण दोपहर 2.30 बजे होगा। सिंदूरखेला से साथ प्रतिमा विसर्जन शाम 5.15 बजे के बाद होगा। इसके बाद मंदिर प्रांगण में शांति जल वितरण किया जाएगा।


दुर्गापूजा में ढाक का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ढाक की गूंज मां दुर्गा को प्रिय है, इसलिए ढाकी ढाक बजाकर देवी के आगमन की सूचना देते हैं। राजधानी के पूजा पंडालों में पंचमी तिथि सोमवार को बंगाल से ढाकी पहुंचेंगे। दुर्गाबाड़ी मंदिर में बांकुड़ा से ढाकी बुलाए गए हैं। दुर्गाबाड़ी के अलावा, देशप्रिय क्लब, हरिमति मंदिर, मां आनंदमयी आश्रम, बंगाली मंडप हिनू, वीणापाणि क्लब, साउथ ऑफिस पाड़ा, नॉर्थ ऑफिस पाड़ा, थड़पकना सहित बंग समुदाय के अन्य पूजा पंडालों में दुर्गोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

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