झारखण्ड में असिस्टेंट प्रोफेसर(assistant professor) बनने के इच्छुक अभयर्थियों के लिए यह खबर महत्वपूर्ण हैं। झारखण्ड में अब नियुक्ति की प्रकिया में बदलाव किए गए हैं। यूजीसी एक्ट-2018 के प्रस्ताव में झारखंड सरकार संशोधन करने जा रही है.नियुक्ति में झारखंड के युवाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. झारखंड में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अब विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को मिली नैक ग्रेडिंग के आधार पर पीएचडी प्वाइंट की अनिवार्यता समाप्त होगी. शीघ्र ही इससे संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में लाया जायेगा.
अभियार्थी इस प्रकार अपने पॉइंट्स की गणना कर सकते हैं -एक से 100 एनआइआरएफ रैंकिंगवाले या ए प्लस/ए प्लस प्लस संस्थान से पीएचडी करने पर 30 प्वाइंट, पीएचडी प्लस यूजीसी नेट होने पर 35 प्वाइंट व पीएचडी प्लस यूजीसी नेट (जेआरएफ) होने पर 40 प्वाइंट मिलेंगे. इसी प्रकार एनआइआरएफ रैंकिंग 101-200 या नैक से ए/बी प्लस प्लस ग्रेड वाले संस्थान से पीएचडी करने पर 15 प्वाइंट, पीएचडी प्लस यूजीसी नेट होने पर 22 प्वाइंट और पीएचडी प्लस यूजीसी नेट (जेआरएफ) होने पर 27 प्वाइंट मिलेंगे. इसके अलावा अन्य संस्थान/विवि से केवल पीएचडी करने पर पांच प्वाइंट, पीएचडी प्लस यूजीसी नेट होने पर 20 प्वाइंट और पीएचडी प्लस यूजीसी नेट(जेआरएफ) होने पर 25 प्वाइंट मिलेंगे. बिना पीएचडी के यूजीसी जेआरएफ रहने पर 25 प्वाइंट, यूजीसी नेट रहने पर 20 प्वाइंट व झारखंड पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण रहने पर 15 प्वाइंट मिलेंगे. इसके अलावा रिसर्च पब्लिकेशन पर भी प्वाइंट निर्धारित किये गये हैं. यूजीसी जर्नल या एससीआइ जर्नल में एक रिसर्च पब्लिकेशन पर एक अंक मिलेंगे. इसमें 10 प्वाइंट निर्धारित किये गये हैं. वहीं, शिक्षण अनुभव पर भी 10 प्वाइंट रखे गये हैं. नेशनल अवार्ड मिलने पर तीन प्वाइंट व राज्य सरकार द्वारा दिये गये अवार्ड पर दो प्वाइंट मिलेंगे.