रांची में डेंगू का खतरा दिनोंदिन बढ़ रहा है ,साथ ही राजधानी में इसके इलाज़ की व्यवस्था चरमराई हुई है . रांची रानी हास्पिटल के डा. राजेश ने बताया कि रिम्स से ही सिंगल डोनर प्लेटलेट मिलती है। अस्पताल में भर्ती कई बच्चों को इसकी आवश्यकता पड़ती है। रिम्स से प्लेटलेट नहीं मिलने पर जमशेदपुर स्वजनों को प्लेटलेट की व्यवस्था करनी पड़ती है। रिम्स में सिंगल डोनर प्लेटलेट के लिए किट नहीं है. इसके इलाज में सबसे अधिक प्लेटलेट की जरूरत पड़ती है। इसमें भी आकस्मिक परिस्थति में सिंगल डोनर प्लेटलेट तत्काल आवश्यकता ज्यादा पड़ती है, ताकि मरीज की जान बचाई जा सके। लेकिन, हालात यह है कि राजधानी रांची में सिंगल डोनर प्लेटलेट नहीं मिल रहा है। पिछले दस दिनों से यही स्थिति बनी हुई है। मरीज के स्वजन अस्पताल जाते हैं मगर, मायूस होकर वापस लौटना पड़ता है, जिसके कारण मरीजों को परेशानी होती है। ऐसे में मरीज को स्वस्थ होने और चिकित्सकों को इलाज करने में मुश्किल होती है। रिम्स प्रबंधन की लापरवाही के कारण ही मरीजों को अव्यवस्था का शिकार होना पड़ रहा है। सदर अस्पताल में भी एफरेसिस मशीन है। मगर चार महीना बीत जाने के बाद भी इसकी सेवा शुरू नहीं हो सकी है। सदर अस्पताल में इसकी सेवा शुरू होने से रिम्स से भी दबाव कम होगा। हालांकि, अब सदर अस्पताल का दावा है कि अगले आठ से नौ दिनों में इसकी सेवा शुरू कर दी जाएगी। बढ़ते डेंगू के मामले को देखते हुए सदर अस्पताल में सिंगल डोनर प्लेटलेट को शुरू करने की योजना है।