आज 41वें दिन भी राज्य के राजस्वकर्मियों की हड़ताल जारी है। इस हड़ताल का असर युवाओ में काफी गहरा पड़ रहा है। राज्य के करीब 28 लाख युवा परेशान हैं , कर्मियों के हड़ताल से राज्य में सर्टिफिकेट बनाने का काम पेंडिंग पड़ा हुआ है। झारखंड के राजस्वकर्मियों की हड़ताल का असर विद्यार्थियों के आय, जाति और आवासीय प्रमाण पत्र पर व्यापक तौर पर पड़ा है. राज्यभर में 15 दिनों में ही 5,75312 नये आवेदन आये हैं. यानी इतने आवेदन और पेंडिंग हो गये हैं. 10 अक्टूबर को जहां पेंडिंग आवेदनों की संख्या 22,39,209 थी. 25 अक्टूबर को यह संख्या बढ़ कर 28,14,521 हो गयी है. इस तरह हर दिन 38 हजार से अधिक आवेदन आ रहे हैं. विद्यार्थी नौकरियों के लिए अपना सर्टिफिकेट बनवाने को लेकर परेशान हैं. वे आवेदन कर रहे हैं, पर राजस्व उप निरीक्षकों की हड़ताल के कारण उस पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है. जमीन के दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) के पेंडिंग आवेदन भी बढ़ते जा रहे हैं. दाखिल-खारिज के 10 अक्तूबर तक 77564 आवेदन पेंडिंग थे, जो अभी बढ़ कर 86029 हो गये हैं. हालांकि म्यूटेशन के लिए आवेदन करने की संख्या में गिरावट आयी है. म्यूटेशन नहीं होता देख लोग आवेदन ही नहीं कर रहे हैं. अंचल कार्यालयों से मूल खतियान की सत्यापित कॉपी नहीं मिल रही है. इस वजह से बड़ी संख्या में जमीन की रजिस्ट्री भी प्रभावित हो रही है. लोग अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं. खास कर शहरी इलाकों की जमीन की खतियान उपलब्ध नहीं होने या फटे होने पर अंचल कार्यालयों से सत्यापित कॉपी नहीं मिल रही है. ऐसे में लोगों को 15 दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है.