ईडी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी मनीष रंजन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री के निजी कर्मचारी मिथिलेश ठाकुर, कुछ सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और व्यापारियों के परिसरों की भी तलाशी ले रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में ‘जल जीवन मिशन’ योजना के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को रांची में कई स्थानों पर छापेमारी की। झारखंड की राजधानी में 20 से अधिक जगहों पर तलाशी ली जा रही है। ईडी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी मनीष रंजन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री के निजी कर्मचारी मिथिलेश ठाकुर, कुछ सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और व्यापारियों के परिसरों की भी तलाशी ले रहा है।
जानकारी के मुताबिक मिथिलेश ठाकुर के भाई और पीएस के ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। इस पर मिथिलेश ठाकुर ने कहा, अब हमें इन सब चीजों की आदत हो गई है। उन्होंने कहा, आप जानते हैं टारगेट क्या है। यह ईडी की छापेमारी नहीं बल्कि राजनीतिक छापेमारी है। अगर ईडी पारदर्शिता से काम करेगी तो हम पूरा सहयोग करेंगे। ईडी को कठपुतली नहीं बनना चाहिए।
उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव से पहले भी मुझ पर भाजपा में शामिल होने का दबाव था। मैंने कहा कि मैं फांसी पर लटक जाऊंगा, लेकिन मैं बीजेपी में नहीं जाऊंगा। वे जानते हैं कि वे झारखंड में हार जाएंगे। हम अब नहीं झुकेंगे। ईडी को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि छापेमारी में उन्हें क्या मिला। ताकि जानकारी सार्वजनिक डोमेन में आ सके।
बताया जा रहा है कि मंत्री मिथिलेश ठाकुर के पीएस हरेंद्र सिंह, मंत्री के भाई विनय ठाकुर सहित कई विभागीय इंजीनियर्स के यहां छापेमारी की जा रही है। यह मामला जल जीवन मिशन में अनियमितता से जुड़ा बताया जा रहा है। केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन (जेजेएम) का उद्देश्य घर घर नल के जरिए स्वच्छ एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। यह छापेमारी ऐसे समय में हो रही है जब झारखंड में जल्द विधानसभा चुनाव की घोषणा होने की संभावना है।