Jharkhand Weather: झारखंड में बदलेगा मौसम का मिजाज, रात के समय रहें सावधान; अलर्ट जारी

Jharkhand Weather News Hindi: झारखंड में मौसम का मिजाज लगातार बदलता जा रहा है। कभी अचानक धूप तो कभी अचानक से ठंड बढ़ जा रही है। मौसम विभाग ने रांची में 29, 30 और 31 जनवरी के लिए एक बार फिर से अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक रांची में 29 जनवरी की सुबह ठंड बढ़ने के बाद आसमान साफ रहेगा।

30 जनवरी से आसमान में बादल छाए रहने के आसार

वहीं 30 या 31 जनवरी से मौसम फिर से करवट लेगा। सुबह में आसमान में आंशिक बादल छाए रहने के आसार हैं। वहीं इस मौसम का प्रभाव रांची के आसपास भी दिखेगा।

धनबाद में मौसम का हाल

जनवरी की विदाई से पहले धनबाद और उसके आसपास के जिलों में मौसम अलग-अलग रंग दिखा रहा है। दिन में तेज धूप की चुभन तो रात में ठंड की ठिठुरन असर दिखा रही है। तीन दिनों से हर दिन तापमान में गिरावट आ रही है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान तेजी से लुढ़क कर 6.2 डिग्री पर पहुंच गया।

पारा गिरने से ठंड के तेवर भी बढ़ गए हैं। अगले 24 घंटे के दौरान तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। उसके बाद न्यूनतम व अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर जा सकता है।

30-31 जनवरी से बादल छाए रहेंगे

मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इससे 30-31 जनवरी के बीच बादलों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। कई दिनों तक आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। इसके बाद एक फरवरी को फिर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। उसके असर भी बादल छाएंगे।

बादलों की आवाजाही से उत्तर से आनेवाली हवा की दिशा बदलेगी। हिमालय से आनेवाली हवा का असर कम होने से तेज ठंड से राहत मिलेगी। हालांकि बादल छाने से दिन का मौसम सर्द रहने का अनुमान है।

शीतलहर के दौरान कैसे बचें

शीतलहर के दौरान गर्म कपड़े पहनना बहुत जरूरी है। इससे शरीर को गर्मी मिलती है और ठंड से बचाव होता है। सिर और हाथों को ढकने से शरीर की गर्मी बनी रहती है। इसलिए, टोपी, दस्ताने और स्कार्फ का उपयोग करें। गर्म पेय पदार्थ जैसे कि चाय, कॉफी और सूप पीने से शरीर को गर्मी मिलती है। नियमित व्यायाम करने से शरीर को गर्मी मिलती है और रक्त संचार अच्छा रहता है। गर्म और पौष्टिक भोजन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और गर्मी बनी रहती है। बाहर निकलने से पहले तैयारी करें और अपने साथ गर्म कपड़े, गर्म पेय पदार्थ और अन्य आवश्यक चीजें ले जाएं। शीतलहर के दौरान बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वे ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

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