SCC में पूछे गए Jसवाल वाले योजना में (ब्लॉकचैन टेक बीज वितरण योजना) झारखंड देश का पहला राज्य बना

राँची झारखण्ड राज्य अक्सर चर्चाओं में रहता है कभी खिलाड़ियों के कीर्तिमान को लेकर तो कभी पर्यटन से लेकर खनिज संपदाओं के लिए इसी कड़ी में झारखण्ड ने देश में कृषि के क्षेत्र में नई जगह बनाई है इस कीर्तिमान ने राष्ट्रीय पटल पर अपनी ख्याति प्राप्त की है यंहा तक की प्रतियोगिता परीक्षाएं जैसे JSCC की परिकक्षाओं में भी इससे जुड़े सावल पूछे गए है.. कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले एक महत्वपूर्ण विकास में, कृषि निदेशालय, झारखंड और ग्लोबल ब्लॉकचेन टेक कंपनी सेटलमिंट, इंडिया ने संयुक्त रूप से ब्लॉकचेन तकनीक के आधार पर किसानों को बीज वितरण की सफल शरुआत की है. भारत में दो वर्षों के संचालन में, सेटलमिंट ने महत्वपूर्ण प्रगति की है और ब्लॉकचेन अनुकूलन को सक्षम करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं. झारखंड में किसानों को ब्लॉकचेन आधारित बीज वितरण का सफल कार्यान्वयन इसका जीता जागता उदाहरण है. अगर हम बात करें झारखंड की तो झारखण्ड देश में ब्लॉकचैन को लागू करने वाला पहला राज्य है जिसका उपयोग बीज वितरण को ट्रैक करने के लिए किया जा रहा है. ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म बीज आपूर्ति वितरण को ट्रैक करता है- कृषि निदेशालय से आपूर्ति आदेश जारी करने से लेकर जिला कृषि अधिकारी द्वारा बीज की मांग रखने से तक या फिर हम कहे ट्रैकिंग बीज पैनल में शामिल सरकारी बीज उत्पादक एजेंसी से वितरकों, खुदरा विक्रेताओं, लैंप्स/पैक्स, एफपीओ और अंत में किसानों को वितरण तक की ट्रैकिंग ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है…. ब्लॉकचेन को लागू करने के कदम का उद्देश्य उन बीजों की पारदर्शिता और प्रामाणिकता लाना है जो किसानों को बीज विनिमय योजना और अन्य योजनाओं के तहत प्राप्त होते हैं.
राज्य बीज वितरण योजना,NFSM,PMKSY और NHM जैसी कृषि निदेशालय द्वारा लागू की जा रही सभी योजनाओं के तहत बीज, इनपुट, उपकरण आदि के वितरण पर नजर रखने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक को लागू करने की परिकल्पना की गई है. यह बिचैलियों को दूर करते हुए योजनाओं के पारदर्शी निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि यह पता लगाने की क्षमता, वास्तविक समय की निगरानी और योजनाओं के कुशल प्रबंधन को सक्षम बनाता है. झारखंड की कृषि निदेशक निशा उरांव ने यह जानकारी दी है की इस सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बिचैलियों को छानने, लाभार्थियों की पहचान और किसानों के डाटाबेस के निर्माण के साथ-साथ किसानों को सही समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराना है.

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