झारखण्ड में अगले वर्ष 2023 में राज्य के 48 नगर निकायों के लिए चुनाव होने है। सीएम हेमंत सोरेन ने इन चुनावों के लिए मंजूरी दे दी है. सभी नगर निकायों में चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है. इस प्रस्ताव पर राज्य के मुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री हेमंत सोरेन की भी सहमति मिल गयी है,10 अक्टूबर की कैबिनेट की बैठक में इस पर मंजूरी भी मिल जाए. इस मंजूरी के साथ चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा.झारखंड में अभी 13 निकायों में चुनाव लंबित हैं, मेयर,अध्यक्ष सहित पार्षदों के पद लगभग दो साल से खाली हैं. ऐसे में इन स्थानों पर चुनाव की तैयारी निर्वाचन आयोग कर रहा था, लेकिन नगर विकास विभाग ने वर्तमान में जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके अनुसार सभी 48 नगर निकायों में एक साथ चुनाव कराया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 को देखते हुए लंबित नगरपालिका निर्वाचन 2020 तथा 2023 के अन्य नगरपालिकाओं का पांच वर्ष का कार्यकाल समाप्ति के पूर्व सभी नगरपालिकाओं का एक साथ आम निर्वाचन कराया जाना निर्धारित कर दिया गया है. ऐसे में नगरपालिका अधिनियम के अधीन वर्ष 2023 में नगर निकायों का निर्वाचन कराया जाएगा, जिसे तृतीय आम निर्वाचन माना जायेगा. इस मंजूरी के साथ चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार इसके अलावा इस बार का नगर निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के ही होगा. पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या को अन्य श्रेणी में शामिल किया जायेगा. ओबीसी की सीट को खुले श्रेणी में शामिल करते हुए चुनाव कराये जायेंगे. यानि ओबीसी के सारे सीट अन्य श्रेणी में आ जायेंगे, जहां से कोई भी चुनाव लड़ सकेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण ओबीसी सीट को खुला सीट मान कर चुनाव कराया जायेगा. पंचायत चुनाव भी इसी तर्ज पर हुआ था. मंत्रिपरिषद की स्वीकृति इस पर मिलने के बाद राज्यभर में आरक्षण एवं आवंटन तथा महिला आरक्षण के चक्रानुक्रम की कार्रवाई की जायेगी.